Ab Pehle sa nhi ( अब पहले सा नहीं ), (not the same anymore) : Read this Poem in Hindi, English, Urdu and in Tamil, (इस कविता को हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और तमिल में पढ़ें)

Ab Pehle sa nhi ( अब पहले सा नहीं ), (not the same anymore) : Read this Poem in Hindi, English, Urdu and in Tamil, (इस कविता को हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और तमिल में पढ़ें)

Ab Pehle sa nhi ( अब पहले सा नहीं ): Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen


Ab Pehle sa nhi

Waqt itni aasani se nikal rha

Ki ab pehle sa nhi


Raat raat ko jug kar sunti kehti

Thi mein, Tumhe na soone deti

Aur khud na soyaa krti thi mein,

Pur ab pehle sa nhi


Raat hote hi ankhoon meing ehri neend aati hai ab, Aur tumhe dekh kr kuch keh paaun ya soo jaun, ye khayal ata hai ab Khidki par reh kar, kaafi Waqt, yun hi gujarti thi mein,

ab pehle sa nhi


Saajo singar ka samaan, samet

Kr taiyaar hoti mein,

saadi ya suit ke khayal

Ka luft uthati thi mein,

Ab pehle sa nhi


Snaan kr khud ko dhanya

Kr leti hun, aesa kar ke hi

khud ko Sarah leti hun mein,

Bin baatoon ke hi muskurati rehti,

tumhara khayal bhi bahut, Gudguda sa

Lagta, kuch khaas pal bhi

mil jaein, vo bhi bahut lagta

par ab pehle sa nhi


Ghanton saath ho par,

dil nhi karta kuch kehne

ka, ab khud simat kar

baith jaun, bas aesa dil karta hai,

Aawaj tej, shoor jada

lagta hai, par ab pehle sa nhi


Mein ye nhi kehti ki, badal tum

gae, ya gai hun mein,

Bus ab aur kuch Pehle sa nhi

Bus ab aur kuch Pehle sa nhi

Ab pehle sa nhi.....

अब पहले सा नहीं : Poem in Hindi

अब पहले सा नहीं 
 वक्त इतनी आसानी से निकल रहा कि
 अब पहले सा नहीं

 रात-रात को जग कर सुनती कहती थी में, तुम्हें ना सोने देती और खुद ना सोया करती थी में, पर अब पहले सा नहीं

रात होती ही आंखों में एहरी नींद आती है अब, और तुम्हें देख कर कुछ कह पाऊं या सो जाऊं, ये ख्याल आता है अब खिड़की पर रह कर, काफी वक्त, यूं ही गुजराती थी में, अब पहले सा नहीं

साजो सिंगार का समान, समेट कर तैय्यार होती में, साड़ी या सूट के ख्याल का लुफ्त उठती थी में, अब पहले सा नहीं 

 स्नान कर खुद को धन्य कर लेती हुं, ऐसा कर के ही खुद को सारा लेती हूँ मैं, बिन बातों के ही मुस्कुराती रहती, तुम्हारा ख्याल भी बहुत, गुदगुदा सा लगता है, कुछ खास पल भी मिल जायें, वो भी बहुत लगता है,
पर अब पहले सा नहीं

घण्टों साथ हो पर, दिल नहीं करता कुछ कहने का, अब खुद सिमट कर बैठ जाऊं, बस ऐसा दिल करता है, आवाज़ तेज़, सोर जादा लगता है, पर अब पहले सा नहीं

 मैं ये नहीं कहती कि, बदल तुम गए, या गई हूं में,
 बस अब और कुछ पहले सा नहीं ,,,,,,
 बस अब और कुछ पहले सा नहीं ,,,,,,,
 अब पहले सा नहीं

اب وہی نہیں : Poem in Urdu

اب وہی نہیں
  وقت بہت آسانی سے گزر رہا ہے
  اب وہی نہیں

  میں ہر رات جاگتا تھا اور آپ کو یہ کہتے ہوئے سنتا تھا کہ میں آپ کو سونے نہیں دوں گا اور میں خود نہیں سووں گا، لیکن اب پہلے جیسا نہیں رہا۔

اب رات ہوتے ہی میری آنکھوں میں نیند آتی ہے، اور تمہیں دیکھ کر کچھ کہوں یا سو جاؤں، یہ خیال آتا ہے، اب کھڑکی پر دیر تک رہنے کے بعد، میں اس طرح گجراتی، اب میں پہلے جیسا نہیں رہا۔

میں جمع ہو کر تیار ہو جاتا تھا، ساڑھی یا سوٹ پہننے کا سوچ کر مزہ آتا تھا، اب پہلے کی طرح نہیں۔

  میں نہا کر اپنے آپ کو برکت دیتا ہوں، ایسا کرنے سے میں خود کو مکمل طور پر محظوظ کرتا ہوں، بغیر کسی لفظ کے مسکراتا رہتا ہوں، آپ کا خیال بھی مجھے بہت گدگداتا ہے، کچھ خاص لمحات بھی مل جائیں تو وہ بھی بہت محسوس ہوتا ہے،
لیکن پہلے کی طرح نہیں

ہم گھنٹوں اکٹھے رہتے ہیں، لیکن مجھے کچھ کہنے کو دل نہیں کرتا، اب مجھے سر جھکا کر بیٹھنا چاہیے، بس اتنا ہی مجھے لگتا ہے، میری آواز تیز ہے، اونچی آواز آتی ہے، لیکن اب پہلے جیسا نہیں رہا۔

  میں یہ نہیں کہتا کہ تم بدل گئے ہو یا میں بدل گیا ہوں۔
  اب کچھ بھی پہلے جیسا نہیں ہے،،،،،،
  اب کچھ بھی پہلے جیسا نہیں ہے،،،،،،،،
  اب وہی نہیں


இனி அதே இல்லை : Poem in Tamil


இனி அதே இல்லை
  நேரம் மிக எளிதாக கடந்து செல்கிறது
  இனி அதே இல்லை

  நான் தினமும் இரவில் எழுந்து நீங்கள் சொல்வதைக் கேட்பேன், நான் உன்னை தூங்க விடமாட்டேன், நானே தூங்க மாட்டேன், ஆனால் இப்போது முன்பு போல் இல்லை.

இப்போது இரவானது கண்களில் தூக்கம் வருகிறது, உன்னைப் பார்த்ததும் நான் ஏதாவது சொல்லலாமா அல்லது தூங்கலாமா, நீண்ட நேரம் ஜன்னலில் இருந்த எனக்கு இந்த எண்ணம் இப்போது வருகிறது. இப்படி ஒரு குஜராத்தி, இப்போது நான் முன்பு போல் இல்லை.

புடவை அல்லது சூட் அணிவதை நினைத்து மகிழ்ந்த நான் இப்போது முன்பு போல் இல்லை.

  குளித்து ஆசீர்வதிக்கிறேன், இதை செய்து முழுவதுமாக ரசிக்கிறேன், வார்த்தைகள் இல்லாமல் சிரித்துக் கொண்டே இருக்கிறேன், உன்னைப் பற்றிய எண்ணம் என்னை மிகவும் கூசுகிறது, சில சிறப்பு தருணங்கள் கிடைத்தாலும், அதுவும் நிறைய உணர்கிறேன்,
ஆனால் முன்பு போல் இல்லை

மணிக்கணக்கா ஒண்ணு இருக்கோம் ஆனா ஒன்னும் சொல்ல மனமில்லை இப்போ சுருண்டு உட்காரணும் அதான் செய்யனும்னு தோணுது, சத்தம் அதிகமா இருக்கு, சத்தம் அதிகமா இருக்கு, ஆனா இப்ப முன்ன மாதிரி இல்ல.

  நீங்கள் மாறிவிட்டீர்கள் அல்லது நான் மாறிவிட்டேன் என்று நான் சொல்லவில்லை.
  இனி ஒன்றுமில்லை,,,,,,
  இனி ஒன்றுமில்லை,,,,,,,
  இனி அதே இல்லை


Ab Pehle sa nhi (अब पहले सा नहीं ) ( not the same anymore) : Poem in English

not the same anymore
  time is passing so easily
  not the same anymore

  I used to wake up every night and hear you saying, I would not let you sleep and I would not sleep myself, but now not like before.

Now as soon as the night falls, I feel sleepy in my eyes, and seeing you, should I be able to say something or go to sleep, this thought comes to me now, after staying at the window for a long time, I was a Gujarati like this, now I am not the same as before.

I used to enjoy the thought of wearing a saree or a suit, but now I am not the same as before.

  I bless myself by taking a bath, by doing this I enjoy myself completely, I keep smiling without any words, the thought of you also tickles me a lot, even if we get some special moments, that too feels a lot,
but not like before

We are together for hours, but I don't feel like saying anything, now I should curl up and sit, that's all I feel like doing, my voice is louder, it sounds louder, but now it's not the same as before.

  I don't say that you have changed or I have changed.
  Nothing is the same anymore,,,,,,
  Nothing is the same anymore,,,,,,,
  not the same anymore








"चींटी की मेहनत": Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen

"चींटी की मेहनत": Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen


"चींटी की मेहनत"

"चींटी की मेहनत": Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen










    कहानी छोटी सी है ,

कहानी चींटी की है ,

छोटी मोटी काली चींटी ,

अपने बल से अधिक भार,

ढोती देखी मैंने आज एक चींटी


टुकड़ा एक था मगर विशाल,

अधिक था उससे ,उससे उसकी

क़ाबिलियत बताता ,बुझता

और कठोर पहाड़ पर चढ़ाता।


मगर मेरी प्यारी छोटी ,

मोटी और काली चींटी ,

किसी की भी बातों

में ना आती चींटी


लड़खड़ाते और डगमगते,

उसने अपना कठोर परिश्रम

कर मुश्किल पथ को ढाल

बनाकर ,चल ऐसा मन

को सुझाया ।


छोटी मोटी काली चींटी

ने ख़ुद के बल से अधिक ,

आज फिर भार उठाया ।


मेहनत उसकी रंग लाई और

चींटी को उसके घर लाई।

"चींटी की मेहनत": Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen




>>"चींटी की मेहनत": Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen

"में और मेरी साइकिल": Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen

  "में और मेरी साइकिल": Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen


"में और मेरी साइकिल"

 में और मेरी साइकिल: Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen


तेज रफ़्तार साइकल चलाना बहुत पसंद है उसको,

हवा के साथ उड़ते जाओ ऐसा लगता है उसको,

मैंने उसे यूँ ही उड़ते और बड़ते देखा है ।

मासूम हाँथो से हैंडल को कसके पकड़ते देखा है ।

आज उसे फिर ख़ुद से एक कदम और आगे बढ़ते देखा है ।



कुछ तो ख़ास होते देखा है उसको ,

प्यार मुझसे है तो सही मगर उसको,

साइकिल से बेइंतहा मोहब्बत करते मैंने देखा है।

आज उसे फिर ख़ुद से एक कदम और आगे बढ़ते देखा है।



ढलते उगते सूरज के साथ उसको,

जानने समझने की और चाह होती उसको,

टायरों की हवा को भी महसूस करते मैंने देखा है ।

ऐसा उसे करते मैंने कई कई बार देखा है।

आज उसे फिर ख़ुद से एक कदम और आगे बढ़ते देखा है।


 
 में और मेरी साइकिल: Poem(Poetry) English-Hindi (Hinglish Poetry) Poetry aur Kavitayen


उखड़ी सड़कों में अपनी साइकल से उसको,

संभलते और फिसलते देखा उसको,

बिना दूरी नापे मेंने उसे साइकल से आगे चलते देखा है।

आज उसे फिर ख़ुद से एक कदम और आगे बढ़ते देखा है।


मानो तो आसमान को साइकल से छुता देखा उसको,

ऐसी वैसी शिकायतों से गुजरता देखा उसको,

घर लौटा अपनी पहचान छोड चुकी उसकी चोट

को मैंने उसके गालो पर देखा है।

आज उसे फिर ख़ुद से एक कदम और आगे बढ़ते देखा है।

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ARMY SCHOOL(Truth is God): POEM; BEST SCHOOL

ARMY SCHOOL (Truth is God): This poem is dedicated to my principal ,teachers and to my school friends 

ARMY SCHOOL (Truth is God)


ARMY SCHOOL (Truth is God)

सुबह की बेला में एक एक कर आ रहे है बच्चे......

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

अभी तो है थोड़े कच्चे...... 

अभी तो है थोड़े कच्चे....... 

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

कोई आ रहा है पैदल, तो कोई साइकल, तो कोई कार, तो कोई ऑटो, तो कोई आ रहा है बस से........

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

Good morning Mam, Good morning Sir 

बोल बोल कर, कर रहे नमस्ते..........

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

लाइन लगाकर चले आ रहे Assembly के लिए, ये हस्ते हस्ते...... 

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

हाथ जोड़ एक सुर में गा रहे "Oh God Bless me"....... ये सारे बच्चे

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

प्रार्थना से दिन शुरू कर आगे बढ़ रहे, ये सभी बच्चे......

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

Class 1 से लेकर Class 12 तक पढ़ेंगे सभी बच्चे.....

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

सीखेगे अ से लेकर अलंकार तक ये सभी बच्चे.......

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

पढ़ाई के साथ साथ सीख जाते है Discipline, Respect, Punctuality, Manners and Cleanliness यहां के सभी बच्चे.....

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

यहां तैयार होते है कच्चे से पक्के बच्चे.........

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

यहां के Principal, यहां के Teachers नही लगते किसी VIP से, जरा भी हटके.......

ARMY SCHOOL के बच्चों की तरफ से, उन्हें प्रणाम भरा नमस्ते.......

ये ARMY SCHOOL के बच्चे

पढ़ाते है इतना की बच्चों के अंदर चला जाए सरकते - सरकते....

 देखो...... ये है ARMY SCHOOL के बच्चे 

यहां का मोटो "Truth is God" है सबसे हटके...... 

ये है ARMY SCHOOL और ARMY SCHOOL के बच्चे...............








तोहफा:(हिंदी कविता) (Poem);English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

तोहफा:(हिंदी कविता) (Poem);English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

"तोहफा"💝:(हिंदी कविता) (Poem)


तोहफा:(हिंदी कविता) (Poem)


तोहफा

तोहफा प्यार का, तोहफा दोस्ती का, तोहफा उस एहसास का 

तोहफा इजहार का, तोहफा स्वीकार का, तोहफा सम्मान का 

आज फिर कुछ खास-खास सा महसूस करने का तोहफा, 

उस पल में खुद को खुद से मिलाने का तोहफा, 

उसे स्वीकार कर पाने का तोहफा, 

ठहरे  वक़्त को और ठहराब देने का तोहफा, 

तेज रफ़्तार और उन बढ़ती दूरियों को काम करने तोहफा,

तोहफा कुछ खास इजहार करने का, छोटी-छोटी से भी छोटी आदतों को सरहाने का ये खास तोहफा,

मेरी बढती झलकती उम्र को नज़रअंदाज करने का तोहफा, 

बहती-उड़ती इस घडी में गिनतियों का तोहफा,

धूप में भीगती और छाओं में छिपती उस कसमकस का तोहफा,

पानी सा बहता और सोर मचाता उस समाज में अलग महसूस कराने का तोहफा,

खुद को खुद से खास बनाने का तोहफा, 

तुमसे खुद को खुद से खास बना पाने का तोहफा।।।।।।।।।।।।।।।


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पतंगों का ये आसमान: Poem; English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

पतंगों का ये आसमान: Poem; English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

"पतंगों का, ये आसमान"👂👀



 रंगो से भरा ये आसमान 

रंगीन पंछियों से सना ये आसमान,

लंबी लंबी डोरो से तना ये आसमान

ढीली ढीली सूती रेशों से सना ये आसमान,

चमक से दमकता ये आसमान

बादलों को चीर कर उड़ता ये आसमान,

अपनी डोर बचाने से डरता ये आसमान

ओरो से बचाते भागता ये आसमान,

छोटा बड़ा सब संग सींचे ये आसमान

रंग भर पतंग खींचे ये आसमान,

आसमान ये आसमान

पतंगों का, ये आसमान...........


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बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा: Poem; Feeling Sad Poem, English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

"बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा": Poem; Feeling Sad Poem, English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen



"बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा"........😢😞


बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा........

अब डर लगता है, मुझे अपनो से दूर रहने में
लगता है रोक लूं, उन्हें भी अपने पास ....
किस्मत को मैं कैसे बदलूं, ये कोशिश करने को जी चाहता है..
दिल से दुखी हो जाता है मन, उनसे दूर रहने में 
बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा........
वादा किया.. उसे निभाने से भी डर लगता है,
किसी को वादा करके कैसे छोड़ दूं  
ये सोचकर ही डर लगता है, 
बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा.......
अब डर लगता है मुझे अपनो से दूर रहने में
लगता है रोक लूं उन्हें भी अपने पास
किस्मत को मैं कैसे बदलूं, ये कोशिश करने को जी चाहता है..
 गले लगा के बहुत रोने का मन करता है,
क्यो? हम ऐसे जीने लगे है ...
सब कुछ याद आ जाता है, मुझे जब...
कमजोर सा बना देता है,
अब डर लगता है मुझे अपनो से दूर रहने में
लगता है रोक लूं उन्हें भी अपने पास 
किस्मत को मैं कैसे बदलूं,ये कोशिश करने को जी चाहता है..
बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा........
समझना बहुत मुस्किल है ,
और समझना तो और भी मुस्किल है ,
अपनी नियत... अपनी ईमानदारी...
पता नही???? ये कैसा पागलपन है...
अब डर लगता है मुझे अपनो से दूर रहने में
लगता है रोक लूं उन्हें भी अपने पास 
किस्मत को मैं कैसे बदलूं, ये कोशिश करने को जी चाहता है..
बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा.....

>>>बहुत ही मुस्किल है ये सफर मेरा: Poem; Feeling Sad Poem, English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen


खास के खोने का एहसास:Poem(Shayari); feeling emotional poem; English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

"खास के खोने का एहसास":Poem(Shayari); feeling emotional poem; English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen 


"खास के खोने का एहसास"🙇

खास के खोने का एहसास


चल रही थी जिंदगी मेरी 

सभी की तरह

पर डर नही था ...मुझे... किसी खास के खोने का


अच्छा हम ढूंढ लेते थे 

बुरा हम लगाते नही 

ज्यादा कुछ चाहा नही

कम भी इतना मिला नही


चल रही थी जिंदगी मेरी 

सभी की तरह

पर डर नही था ...मुझे... किसी खास के खोने का


सीख रहे थे सिर्फ पढ़ना और लिखना

बनने जैसा कुछ पढा नही

याद सिर्फ वही करते

जो हमे याद रहा नही


चल रही थी जिंदगी मेरी 

सभी की तरह

पर डर नही था ...मुझे... किसी खास के खोने का


नानी  की कहानी -दादी की कहानी

सुनी तो बहुत.....

एक था राजा एक थी रानी दोनो मर गए खत्म कहानी 

पर सुनकर डर लगा तो नही


चल रही थी जिंदगी मेरी 

सभी की तरह

पर डर नही था ...मुझे... किसी खास के खोने का


To be..............

खास के खोने का एहसास

"Tip tip karti baarish": Baarish Poem; English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

"Tip tip karti baarish": Baarish Poem; English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

"Tip tip karti baarish"🌧


"Tip tip karti baarish"

Tip tip karti baarish
Boond boond tum barasti ho
Upar se tum aati ho
Aur is dharti mein mil jaati ho

Sugandh tumahri boodoon ki
Sukhi mitti mein jo ghulti ho
Baithi oonchi imartoon se
Jaa dharti se mein mil jaati hun

Chuu kar tumko khud se mein milti hun
Gale laga lun tumko hur din
Bus yahi Sapna silti bunti hun

"Tip tip karti baarish"

Nikal bahar punkh faila kar
Udti udti si mein phirti hun
Jaan liya tumko Meine
Aaj phir yahi baat samujhti hun

Vapas tum jo aaogi
pass sada reh jaogi
Abki bari jub aogi
Baarish…
Tip tip karti baarish


>>>""Tip tip karti baarish": Baarish Poem; English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

माया बनी सुपर हीरो - (भाग 5) : STORIES; stories for kids; Hindi Kahaniya;English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

माया बनी सुपर हीरो - (भाग 5) : STORIES; stories for kids; Hindi Kahaniya;English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen


👉माया बनी सुपर हीरो - भाग 5

विवरण (DISCRIPTION): यह कहानी माया के बारे में है जो एक सुपर हीरो बनना चाहती है।अपने गाँव से एक नए स्थान पर उसका जाना, उसे वह सब फिर से बनाने की इच्छा रखती है जो वह खो रही थी । उसे हासिल करने का उसका दृढ़ संकल्प उसे उसके सपने के करीब ले जाता है। माया किसके लिए सुपर हीरो बनना चाहती है और वह क्या कर रही है, यह जानने के लिए कहानी पढ़ें!

>>>माया बांटती है अपनी खुशी - (भाग 4)👈(यहाँ click करें )


एक साल बीत गया, पेड़ पौधों ने अपनी पहली गर्मी और सर्दी देखी। एक दिन माया ने एक फूल देखा जो एक गोल वस्तु में बदल रहा था। और तभी उसे एहसास हुआ कि यह वास्तव में एक फल है। वह अति उत्साहित हो गई।

माया बनी सुपर हीरो - भाग 5


वह उन फूलों के बारे में नही जानती थी, जो सब्जियों/फलों में बदल जाता है। वह भाग कर घर वापस चली गई और पिताजी को उन फलों को देखने के लिए बुला लिया। 

माया बनी सुपर हीरो - भाग 5

यह देखकर वह काफी हैरान रह गए। पिता जी ने माया से पूछा- "जब हमारे पास इतना पानी नहीं है, तो तुमने इतने बड़े पेड़ कैसे उगा लिए?" तब माया ने अपने पिता से कहा कि उसने पानी को बर्बाद न करके बचाया क्योंकि पानी ग्रह पर सबसे कीमती चीज है!

माया बनी सुपर हीरो - भाग 5

माया ने कहा कि ब्रश करते समय नल को बंद कर देने से हम 2 पौधों को पानी देने के लिए पर्याप्त बचत कर सकते हैं। नहाते समय पानी को सही से इस्तेमाल करने से हम 3 पौधों को पानी देने के लिए पर्याप्त बचत कर सकते है। इसके अलावा, उसने घर पर अपने वाटर फिल्टर से निकले हुए पानी को अलग-अलग बर्तनों में 6 पौधों तक पानी देने के लिए सहेजा! 
उसके पिता ने माया को रोका और पूछा - "लेकिन पेड़ इतना स्वस्थ कैसे है?" पेड़ को पानी के अलावा हमारी तरह ही पोषण की जरूरत होती है! माया बोली- “हाँ पापा जानती हूँ!” इसलिए मैंने रसोई का सारा कचरा पौधों को दे दिया!


माया बनी सुपर हीरो - भाग 5

माँ ने कहा, अगर मैं पौधों को प्याज के छिलके, संतरे के छिलके, अतिरिक्त सब्जियां, अंडे के छिलके दूं, तो इससे पौधे को पोषण मिलेगा।

माया के पिता ने आगे कहा कि - ''मुझे तुम पर बहुत गर्व है माया! तुम्हे देखकर मुझे भी प्रेरणा मिल रही है! यह आश्चर्य की बात है कि एक वैज्ञानिक होने के नाते मैं बहुत कुछ जानता हूँ लेकिन हमारी पृथ्वी के लिए बहुत कुछ नहीं करता!” चेहरे पर मुस्कान के साथ माया ने अपने पिता को जवाब दिया - "चलो पापा इसे एक साथ करते हैं, और सुपर हीरोज बनते हैं!"


माया बनी सुपर हीरो - भाग 5

पिताजी आश्चर्यजनक रूप से माया की ये बात सुनकर फिर से मुस्कुराते हैं - "सुपरहीरो !!" माया आगे कहती है- “हाँ! 
जिन सुपरहीरो को हम जानते हैं, वे केवल इंसानों की रक्षा करते हैं, लेकिन मैं सभी पेड़ों, जानवरों, पक्षियों, कीड़ों की रक्षा करना चाहती  हूं। 





माया बनी सुपर हीरो - भाग 5

पिताजी सकारात्मक लहजे में कहते हैं- "इस तरह, हम वास्तव में मनुष्यों की भी रक्षा करेंगे!" और फिर, माया और उसके पिता ने सिर्फ पेड़ लगाकर गाँव को रहने के लिए एक बेहतर जगह बना दिया। पेड़ों ने बादलों को आकर्षित किया, बार-बार बारिश होने लगी और पृथ्वी का वह पीला पैच उस गाँव जैसा हो गया जिसे उसने सपना देखा था जहाँ माया और उसका परिवार खुशी से रहते थे.

>माया बनी सुपर हीरो - (भाग 5) : STORIES; stories for kids; Hindi Kahaniya;English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

माया बांटती है अपनी खुशी - (भाग 4); STORIES; stories for kids; Hindi Kahaniya;English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

माया बांटती है अपनी खुशी - (भाग 4);  STORIES; stories for kids; Hindi Kahaniya;English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen

>>>माया का दृढ़ निश्चय - (भाग 3)👈(यहाँ click करें )


👉माया बांटती है अपनी खुशी - भाग 4


विवरण (DISCRIPTION): यह कहानी माया के बारे में है जो एक सुपर हीरो बनना चाहती है।अपने गाँव से एक नए स्थान पर उसका जाना, उसे वह सब फिर से बनाने की इच्छा रखती है जो वह खो रही थी । उसे हासिल करने का उसका दृढ़ संकल्प उसे उसके सपने के करीब ले जाता है। माया किसके लिए सुपर हीरो बनना चाहती है और वह क्या कर रही है, यह जानने के लिए कहानी पढ़ें!

एक हफ्ते बाद पौधे पर इतने फूल आए। उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। अब वह असमंजस में पड़ गई- क्या मैं अब भी सपना देख रही हूं या सच में ऐसा हो रहा है? वह खुद से सवाल करती है।


        माया बांटती है अपनी खुशी - भाग 4

उस दिन वह बहुत खुशी-खुशी स्कूल गई। माया अपने सभी दोस्तों को फूलों के बारे में बताती है। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था, क्योंकि उस रेगिस्तान में आज तक किसी ने एक पौधा/पेड़ नहीं उगाया। अब उसके सभी दोस्त उसके घर जाना चाहते हैं। एक दिन माया जब स्कूल से घर आयी तो बड़ी आश्चर्य हो गयी। उसके सभी दोस्त उन फूलों को देखने के लिए माया के घर आ गए थे , यह जानने के लिए कि वह वास्तव में है या नहीं।



माया बांटती है अपनी खुशी - भाग 4

जब वे पहुंचे तो उन्होंने उन फूलों को देखा और सभी खुशी से चिल्ला उठे - "हे भगवान! यह क्या है, यह कैसे हो गया?” और अचानक उन्होंने देखा कि एक तितली आकर एक फूल पर बैठी है। उत्साह से वे सभी ऊपर-नीचे कूदने लगे।

वे खुशी से चिल्ला रहे थे, हंस रहे थे और एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे थे। यह अविश्वसनीय था। क्योंकि उन्होंने उस गांव में कभी तितली नहीं देखी।

माया बांटती है अपनी खुशी - भाग 4


माया अपना अधिक से अधिक समय पेड़-पौधों के साथ बिताने लगी। वह जब भी फ्री होतीं उनके साथ बैठ कर बातें करतीं। माया ने उन पेड़-पौधों को अच्छा पौष्टिक आहार और पानी सही-सही समय पर देती रही,जिससे  कि वे स्वस्थ रहें।

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